दिल को छूने वाली शानदार कविता - प्रिय को निहारती
1. प्रिय को निहारती - priya ko bihari -
इधर कोसो दूर बैठी चांदनी ,
प्रिय को निहारती अंधेरी,
लट बिखरायी रजनी में
कहती देख मैं हूं तुम्हे निहार रही ।।
सुन चंदा तू देख रहा है,
मेरे प्रिय को, अब कह दे ,
उसे बोल रही तेरी रागिनी,
याद करती हैं दिन रात वो ।।
याद करती है हरपल,
तेरे मधुर मिलन की रात,
देख मुझे कहती है, कहना,
सह रही हैं वो विरह पल पल ।।
देख रजनी चमचम करती आयी,
चंदा तू ही है हम दोनों की अनुभूति ,
निभाऊंगी मैं इस तन्हाई में,
साथी का साथ कसम सातों जनम की ।।
Heart touching poem ishak
2. इश्क - ishak
जब मैं नयन बंद करती हूं,
वो हवां के संग आता हैं,
धीरे से कर्णों मैं गुनगुनाता हैं,
पगली उसके इश्क में डूब जाती मैं।।
आता हैं वो सागर की तरह,
खुशियों से उछलते उछलते,
भर लेता हैं मुझे अपनी बाहों में,
भवरे़ं जैसा गुनगुनाता इश्क की नगमे।।
फुलों सी मुस्कान खिल जाती,
देखकर नादान इश्क तेरा,
मत बहा अनमोल मोती,
वरना मैं जा नही पाऊंगा ।।
इश्क तू चांद हैं मेरी,
तू वो रजनी अहसासों में
सजनी बनकर आ जाती,
मेरे हर दर्द को तू ले जाती ।।
इश्क तो इबादत हैं रब का,
इश्क किया नही जाता,
इश्क तो पावन दिलों का
एक मधुर संगम जैसे सागर और नदी का।।
इश्क की मंजिल वही हैं,
जहां दो दिलों में कोई,
आस न हो, ईच्छा न हो,
सिर्फ एक प्यारा सा अहसास हो ।।
डॉ. वसुधा पु. कामत, छवि कर्नाटक
बहुत सुंदर सृजन 💐💐💐💐
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https://www.sahitydrshan.com/2021/06/ras-chhand-kaise-likhe-in-hindi.html
👌👌
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