आजादी का अमृत महोत्सव पर स्लोगन । Azadi ka Amrit mahotsav par slogan.

आजादी का अमृत महोत्सव पर स्लोगन । Azadi ka Amrit mahotsav par slogan.


Azadi ka Amrit mahotsav par slogan.


Azadi ka Amrit mahotsav par slogan. नमस्कार मित्रों आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत मार्च 2021 से हो चुकी थी । इनका मुख्य उद्देश्य आजादी से ऊष्मा प्राप्त करना है । अर्थात उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करके उनके आदर्शो पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाना है ।
Azadi ka amrit mahotsav पर उन गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण करते हुए बच्चे बच्चे तक उनके विचारों का प्रसार करना है । तो चलिए जानते है - आजादी का अमृत महोत्सव पर स्लोगन । Azadi ka Amrit mahotsav par slogan.
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आजादी का अमृत महोत्सव पर कविता । Azadi ka Amrit mahotsav par kavita.

वीरो को याद रखना
हॅसते ही झूल गए फाॅसी वाले फंदो पर,
वो क्रांतिकारीयो की कुर्बानी याद रखना।


थर-थर कांपे शत्रु  देख वीरो के वार को
ऐसे बहादुरो की  निशानी याद रखना ।


होगए शहीद माॅ भारतीय की रक्षा हेतु,
वो वीरता वीरो की जवानी याद रखना।


सब भुल जाना देशवासि‌यों मगर तुम
गोली खाने वालो की कहानी याद रखना।
              लिलेश्वर देवांगन बेमेतरा छत्तीसगढ़

अमृत महोत्सव
कभी लूटते थे परदेशी, अब  खुद  लूटा जायूँ  मै,
आजादी का अमृत महोतसव कैसे आज मनायूं मै ।
आस्तीन  में  सांप  छिपे  हैं  कैसे  बाहर  लायूं मै,
किसमें कितना जहर भरा है कैसे समझ ये पायूँ मै ।

भारत माँ हर रोज जलरही, देश विरोधी नारों से, 
दिल्ली भी लाचार दिख रही, इन देशी गद्दारों से।  
सत्ता के लालची भेड़िये, कहाँ किसे कब खा जाएँ,
शासक ही शोषक बनजाये, तो कैसे हम बच पाए।  

सरेआम नीलाम हो रही लाज वतन की सडकों पर,
इनको दया नहीं आती है, भारत माँ के अशकों पर।      
तन घायल है, मन ब्याकुल है, आँशु कहाँ छुपायूँ मैं,
आजादी का अमृत महोतसव  कैसे आज मनायूं  मैं ।
                                    रामसनेही सजल

एक महोत्सव देश के त्याग और बलिदान का 
एक महोत्सव देशभक्ति की भावना के अनुराग का ।

"आनंद" से इस देश के वीरों को करते हम  प्रणाम है
अपना भारत  रच रहा अब, उन्नति के नित-नए आयाम हैं ।

जश्न ए आज़ादी के अमृत महोत्सव का देखो अनुपम उत्सव है
भारत माता की जयकार का चहुं दिश गूंज रहा जो कलरव है ।

एकता और अनुशासन से भारत माता की सब मिल जयकार करें
विश्व गुरु बन उभरे भारत फिर मिलकर कुछ ऐसा सहकार करें ।
                             आंनद कुमार गुप्ता

Azadi ka Amrit mahotsav par kavita.


आजादी का अमृत महोत्सव पर स्लोगन । Azadi ka Amrit mahotsav par slogan.

अमृत महोत्सव की कहानी लिख दूंगी मैं।
आन, बान, शान हौसलों की उड़ान लिख दूंगी मैं।
जो रहा गौरवशाली भारत का इतिहास लिख दूंगी मैं।
जयहिंद, वंदेमातरम, इंकलाब जिंदाबाद का नारा लिख दूंगी मैं।

 रगों में रवानी, वीर शहीद की जवानी लिख दूंगी मैं।
सभ्यता सँस्कृति को भारत की पहचान लिख दूंगी मैं।
जहां सर्वधर्म समभाव से अपनाते है वो बात कहूंगी मैं।
हो रहा जो विश्व मे देश के विजय का शंखनाद, जयघोष कर दूंगी मैं।

आजादी का महोत्सव पर निबंध पढ़ने के लिए टच करें ।

 भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, झांसी की रानी की कहानी लिख दूंगी मैं।
हो रहा जो हर क्षेत्र में सफल, सफलता का प्रमाण है।
सोने की चिड़िया वाला देश ओलंपिक में सोना ला रहा है।

तिरंगा लेकर टोक्यो में राष्ट्र गान गा रहा जो, ऐसे खिलाड़ी पर गर्व लिख दूंगी मैं।
कण कण में जहां अमृत हो घुला हो पावन कुंभ मेला को निशानी लिख दूंगी मैं।
श्रीराम, कृष्ण की धरा पर धर्म की अमिट कहानी लिख दूंगी मैं।
कर्म, धर्म और मर्म से सराबोर इस माँ भारती की रवानी लिख दूंगी मैं।

आजादी के पचहत्तरवे वर्ष की खुशी का उत्सव लिख दूंगी मैं।
अमिता की जुबानी आजादी के 
अमृत महोत्सव की  अंनत शुभकामनाएं लिख दूंगी मैं।
माँ भारती को कर प्रणाम गर्व से "हिंदुस्तानी हूं" कह दूंगी मैं ।।
Azadi ka Amrit mahotsav.
जय माँ भारती, माँ भारती, जय माँ भारती.....
माँ भारती का लाल जब सरहद पर लड़ने जाता है।
उड़ उड़ के मिट्टी बदन को चूमे दुश्मन भी थर्राता है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है ।।

सीना तान के माँ मस्तक पर शौर्य तिलक करती है।
वीर सिपाही जब घर से विजय पताका लेके चलता है।
तीन रंग में रंगा तिरंगा सरहद पर फहराता है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है ।

छलनी होता उस माँ सीना जब लहू धरा पर पड़ता है।
अमर शहीद होकर वो माँ भारती के आँचल में सोता है।
 कर्तव्य पूर्ण कर गौरान्वित सारा जहां कर जाता है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है ।

Azadi ka Amrit mahotsav.
 हो भगतसिंह या वीर शिवाजी या झांसी की रानी हो।
अतुल्य, अमिट ऐसे जाबांजो की अमर कहानी हो।
बच्चा बच्चा माँ भारती का यश-कीर्ति फैलाता है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है ।

मन मे भर उमंग चल रहे है, संग-संग ये धरा ये गगन।
माँ के आँचल में है सुरक्षित हर बालक का बचपन।
त्याग, बलिदान, शांति, संपन्नता से रंगा तिरंगा है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है........।

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमको जाना है।
माँ भारती के आँचल को खुशियों से भर देना है।
वीर सपूत, कर्मवीर, माँ का लाल कहलाता है।
ऐसे भारत के वीर पुत्र को नमन हमारा है ।

            अमिता मिश्रा बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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