माँ पर रुला देने वाली कविता । Maa par hindi kavita.

माँ पर रुला देने वाली कविता । Maa par hindi kavita.


Maa par hindi kavita.


Hindisarijan में आप सभी मित्रो का बहुत बहुत स्वागत करते है । दोस्तों आज हम Maa par hindi kavita. लेकर हाजिर हुए है । आज की Maa par line के रूप में माँ पर रुला देने वाली कविता की लेखिका है - सुनीता गुप्ता, कानपुर । आपने poem on mother in hindi में बहुत शानदार सृजन किया है तो चलिए पेश करते हैं - माँ पर रुला देने वाली कविता । Maa par hindi kavita.

माँ तो जन्नत का फूल है,
प्यार करना उसका उसूल है
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है
मां की हर दुआ कबूल है
मां को नाराज़ करना है मानव तेरी भूल है, 
मां के कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल है। 


        मेरी प्यारी माँ 
मेरी प्यारी मां तू कितनी 
प्यारी है, जग है अंधियारा,
तू उजियारी है, शहद से मीठी तेरी बातें ,
आशीष तेरी जैसे हो बरसाते,
डांट तेरी है मिर्ची से तीखी,
तुझ बिन ज़िन्दगी है फीकी।
अब मैं तुझसे मिलने को भी तरसू
मां होती है भोली भाली,
सबसे सुंदर प्यारी प्यारी।

         माँ क्या है
मां एक सीप है, जो बच्चों के,
लाखों राज अपने सीने में छिपा लेती है,
माँ एक इंद्रधनुष है जिसमे हर रंग समाया है ।
मां बाग का एक फूल है जिससे 
बाग की खूबसूरती बढ़ती है।
मां एक ग़ज़ल है जो सुनने वाले के 
सीने में उतरती चली जाती है।
मां ममता की ऐसी दास्तां है, 
जिसका कोई अंत नही ।
Maa तो कीमती और नयाब तोहफा है।

Poem on mother in hindi.


           Maa
न तेरा कोई दर्द जाने ,
न तेरा कोई हाल जाने
जरूरत हो तुम सबकी 
सबका तुम ख्याल रखती
जीवन की सच्चाई तुझसे ,
जीवन की शुरुआत तुझसे,
पैरों में तेरे जन्नत है।
सीने में तेरे प्यार है।

आंखों में आंसू हैं।
हांथों में आशीर्वाद है।
मेरी एक आह पर रातें गुजार दी।
मेरे पास शब्द नही,
तेरी प्रशंसा के लिये,
सारे जहां की दौलत भी कम है।
तेरे ममता का ऋण चुकाने के लिये,
करती हूँ जीवन समर्पित तुझे,
करती हूँ,माँ सलाम तुझे ।।


 Poem on mother

चुका सके न माँ का मोल,
मां की ममता है अनमोल ।
जीवन मे जो कुछ पाया है,
मां की ममता की ही छाया है।
झूठे जग के रिश्ते नाते ,
काम पड़े पर काम न आते।
माँ के मुख से बहती गंगा,
सुनकर मन हो जाता चंगा।
माँ की गोद अभय देती है,
दुनिया के दुख हर लेती है।
देखो मन की आंखे खोल ,
माँ की ममता है अनमोल ।

               माँ का प्यार
माँ चंदन की गंध है, माँ रेशम का तारा
बंधा हुआ जिस तार से, सारा ही घर दुवार ।
माँ थी घर जब तलक, जुड़े रहे सब तार,
माँ के जाते ही उठी, आंगन में दीवार ।
यहाँ, वहाँ सारा जहाँ नापे अपने पाँव।
मां के आंचल सी नही और कही भी छाँव ।
रिश्तों का इतिहास है, रिश्तों का भूगोल,
संबंधों के जोड़ का, माँ है फेविकोल ।

      माँ का स्नेह
कब्र की आगोश में जब,
थक के सो जाती है माँ ।
तब कही जाकर,
थोड़ा सूकून पाती है माँ ।
फिक्र में बच्चे की कुछ ,
ऐसे ही घुल जाती है माँ ।
नौजवान होते हुये भी,
बूढ़ी नजर आती है माँ ।

Maa par kavita in hindi.


Maa par hindi kavita.

रूह के रिश्तों की गहराइयों को देखिये,
चोट लगती है हमे, और चिल्लाती है माँ ।
कब जरूरत हो मेरी, कि इतना सोचकर,
जागती रहती है आँखे, और सो जाती है माँ ।
घर से जब कोई जाता है नूरे नजर,
हाथ मे गीता लिये, दर पे आ जाती है माँ ।
चाहे हम खुशियों में भूल जाये दोस्तों,
मुसीबत सर पे आती है, तो याद आती है माँ ।
लौटकर सफर से जब भी, वापस आते हैं हम
डालकर बाहे गले मे, सर को सहलाती है माँ ।
हो नही सकता कभी, एहसान उसका ये अदा,
मरते मरते भी दुआ, जीने की दे जाती है माँ ।
मरते समय अगर बच्चा, न आ पाए परदेश से,
अपनी पुतलियां, चौखट पर रख जाती है माँ ।
प्यार कहते हैं किसे, और ममता क्या चीज़ है ?
ये तो उन बच्चों से पूछों जिनकी मर जाती हैं माँ ।

माँ माँ करता आऊंगा, आँचल में छिप जाऊंगा ।
माँ को संग  ले जाऊंगा, जग की सैर कराऊंगा ।

Maa par kavita in hindi

माँ एक अनमोल धरोहर है,
मनमोहक मधु में फेटी है
माँ सुख की नवल सरोवर है, 
लो परख प्रीती की पेटी है, 
आचरण अनोखा है माँ का,
आँचल इसका आकाशी है।
चारों धाम है इसके चरणों मे, 
करलो प्रणाम प्रत्याशी है, 
माँ का आश्रय अभिनव अनुपम ,
अभिराम अतुल मधुमासी है।
ले नूर नयन में घूर, मुझे मति धीर बनाती है
मुस्काती है फूल झरे, अंगूर खिलाती है।
अधरों पर ज्योति सजती है, तन दूर भगाती है
क्या तूल फजूल मैं दूं माँ को, तकदीर बनाती है ।

Maa
माता बिना बस्ती सूनी है, घर भूत का डेरा खलता है।
माँ कश्ती पर बैठी होती, संभूत सबेरा फैलता है।
माँ मधुमासी मस्ती देती, यमदूत भी डरकर टलता है।
रिश्तों के सिक्के खोटे सब, बस माँ का सिक्का चलता है।
माँ प्रीती दायनी होती है, मां शक्तिदायनी होती है।
माँ जीवन देती ज्योति है, माँ उन्मन करती मोती है।
माँ की मस्ती से हरी हारा,  अवधूत देव भी हारा है।
विधि है सबूत बच्चा बनता, मां के सम्मुख बेचारा है।
माँ रणचंडी, माँ दुर्गा है,  मां ने महिसासुर मारा है।
था रक्तबीज महाबली, माँ ने रण में ललकारा है।
माँ शुम्भ, निशुम्भ नाशिनी है, माँ महतारी महातारा है।
जान लिया, मन में लिया, मात्र सबसे सुघर सितारा है।


आशा करते हैं कि आज short poems ( माँ पर रुला देने वाली कविता । Maa par hindi kavita ) आपको जरूर पसंद आई होगी । आप अपने विचार हमारे कमेंट बॉक्स में लिखे ।। सुनीता गुप्ता, कानपुर ।। 
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