Top 3 gazal in hindi लेके कौन गुलाबी सी शाम आया है
HIndisarijan में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है । दोस्तों ग़ज़ल एक मनमोहक विधा है । आज हम इसी विधा पर औरेया उत्तरप्रदेश निवासी लोकप्रिय ग़ज़लकार राज शुक्ल 'ग़ज़लराज' की Top 3 Gazal in hindi लेकर आये है ।
जैसा कि आप जानते है कि Hindisarijan देश के प्रमुख रचनाकरों की रचनाओं का प्रकाशन करते है । तो कड़ी में आज पढ़िए Gazalraj को -
ग़ज़ल - 1
1212 1122 1212 22
हमारे वास्ते ये खाली जाम आया है
अजीब हिस्से में अपने इनाम आया है ।
कोई तो होगी ज़रूरत या कोई मजबूरी
जुबाँ पे उनकी हमारा जो नाम आया है ।
जो ख़ुद को शाह समझता था सारी दुनिया का
वक्त बदला तो वो बनके गुलाम आया है ।
जिनकी हसरत थी मेरा आशियाँ जलाने की
हुआ क्या उनका ही मुझको सलाम आया है ।
छुपा के हाथ में खंजर भी यार ले आया
ये जाने कैसा मेरे रब मुकाम आया है ।
निगाहें फेर के जो कल तलक निकलते थे
हमारे नाम पे उनका पयाम आया है ।
ये राज कैसे हुआ किसका यह करम बरसा
ये ले के कौन गुलाबी सी शाम आया है ।
Top gazal in hindi
ग़ज़ल - 2
मिसरा तरह
नदी की मेहनतों पर ही समंदर ऐश करता है ।
1222 1222 1222 1222
कोई है मुफलिसी में कोई दिन भर ऐश करता है
दबा कर मुफलिसों को हर सितमगर ऐश करता है ।
◆ दिल को छू लेने वाली कविता - प्रिय को निहारती
पसीना खून कर के एक वो रहता है भूखा ही
कभी देखा है मेहनत कश घड़ी भर ऐश करता है ।
पिला कर भी लहू मजलूम रहते तंगहाली में
यहाँ खूँ चूस के जालिम बराबर ऐश करता है ।
हकीकत में मयस्सर है नहीं दो जून की रोटी
यहाँ तो सिर्फ ख्वाबों में सुखनवर ऐश करता है ।
जमाने भर की दौलत ठोकरों पर रखता है देखो
ख़ुदा में ख़ुद को खो कर ही कलंदर ऐश करता है ।
हजारों मील लम्बा फासला तय करती है जब तब
नदी की मेहनतों पर ही समंदर ऐश करता है ।
जुदा ही राज सबकी किस्मतें दुनियाँ में देखीं हैं
कोई रोता ही रहता कोई हँस कर ऐश करता है ।
Gazal in hindi.
ग़ज़ल - 3
121 22 121 22 121 22 121 22
तुम्हारी महफ़िल में आके जाना यहाँ हैं मेरे रकीब लाखों
यहाँ तो मेरे से जान अच्छा लिये खडे हैं नसीब लाखों ।
◆ Gazal दोस्त दुनिया में जिंदा न होती मुहब्बत
तुम्हारे आगे तुम्हारे पीछे हैं घेरे तुमको न जाने कितने
तुम्हें तो बिस्तर ए गुल मिला है मेरे लिये हैं सलीब लाखों ।
हमारे दिल ने है बस तेरे को ही चाहा पूजा है बस तुझे ही
मगर मेरे को पता चला है कि तेरे तो हैं हबीब लाखों ।
तेरी जफ़ाओं के बदले में भी मिलीं हैं तुझको हजार खुशियाँ
मैं बावफा था तो फिर भी गम ये हैं आ गये क्यों करीब लाखों ।
मैं जिसकी खातिर जिया मरा वो तो जी रही है किसी की खातिर
हमारी किस्मत में ही लिखे क्यों हैं हादसे ये अजीब लाखों ।
जो हमने पूछी वजह ए नफरत तो हँस के बोली वो बेमुरब्बत
कि राज उल्फ़त की ख्वाहिशों में मरे हैं तुमसे गरीब लाखों ।
आशा करते है आज की गज़ले Top 3 gazal in hindi जरूर पसंद आई होगी । आप अपने विचार हमारे कमेंट बॉक्स में लिखें ।
राज शुक्ल 'ग़ज़लराज'
तीनों ग़ज़लें बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका
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