Top 3 gazal in hindi लेके कौन गुलाबी सी शाम आया है

Top 3 gazal in hindi लेके कौन गुलाबी सी शाम आया है 


Top 3 gazal in hindi

HIndisarijan में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है । दोस्तों ग़ज़ल एक मनमोहक विधा है । आज हम इसी विधा पर औरेया उत्तरप्रदेश निवासी लोकप्रिय ग़ज़लकार राज शुक्ल 'ग़ज़लराज' की Top 3 Gazal in hindi लेकर आये है । 

जैसा कि आप जानते है कि Hindisarijan देश के प्रमुख रचनाकरों की रचनाओं का प्रकाशन करते है । तो कड़ी में आज पढ़िए Gazalraj को -


ग़ज़ल - 1

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हमारे    वास्ते   ये    खाली   जाम   आया   है

अजीब   हिस्से   में   अपने   इनाम  आया   है ।


कोई   तो   होगी  ज़रूरत  या   कोई   मजबूरी 

जुबाँ   पे   उनकी  हमारा  जो  नाम  आया  है ।

मंजिल पर पढ़े शानदार गज़ले

जो ख़ुद को शाह समझता था सारी दुनिया का 

वक्त   बदला  तो  वो  बनके  गुलाम  आया  है ।


जिनकी  हसरत थी  मेरा आशियाँ  जलाने की

हुआ  क्या  उनका ही मुझको सलाम आया है ।


छुपा  के   हाथ  में  खंजर  भी  यार  ले आया 

ये   जाने  कैसा   मेरे   रब   मुकाम  आया  है ।


निगाहें  फेर  के  जो कल  तलक निकलते थे 

हमारे   नाम   पे   उनका   पयाम   आया   है ।


ये  राज कैसे हुआ किसका यह  करम बरसा

ये  ले  के   कौन  गुलाबी  सी   शाम आया है ।

Top gazal in hindi.


Top gazal in hindi

ग़ज़ल - 2

 मिसरा तरह

नदी की मेहनतों पर ही समंदर ऐश करता है ।


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कोई  है  मुफलिसी  में कोई दिन भर ऐश करता है 

दबा कर मुफलिसों को हर सितमगर ऐश करता है ।

दिल को छू लेने वाली कविता - प्रिय को निहारती

पसीना  खून  कर  के  एक वो  रहता  है भूखा ही

कभी देखा है मेहनत कश घड़ी भर ऐश  करता है ।


पिला  कर  भी  लहू   मजलूम  रहते  तंगहाली में 

यहाँ  खूँ  चूस  के  जालिम  बराबर  ऐश करता है ।


हकीकत  में   मयस्सर  है नहीं दो  जून  की  रोटी 

यहाँ  तो  सिर्फ  ख्वाबों में सुखनवर ऐश करता है ।


जमाने भर की दौलत  ठोकरों  पर रखता है देखो 

ख़ुदा में ख़ुद को खो कर ही कलंदर ऐश करता है ।


हजारों मील लम्बा फासला तय करती है जब तब

नदी  की  मेहनतों  पर  ही  समंदर  ऐश  करता है ।


जुदा ही राज सबकी किस्मतें दुनियाँ  में  देखीं  हैं 

कोई रोता ही रहता कोई  हँस  कर  ऐश करता है ।

Gazal in hindi.


Gazal in hindi.

ग़ज़ल - 3

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तुम्हारी  महफ़िल  में  आके  जाना   यहाँ  हैं  मेरे  रकीब  लाखों 

यहाँ  तो  मेरे   से   जान  अच्छा  लिये  खडे   हैं   नसीब  लाखों ।

Gazal दोस्त दुनिया में जिंदा न होती मुहब्बत

तुम्हारे   आगे   तुम्हारे   पीछे   हैं  घेरे  तुमको   न  जाने  कितने 

तुम्हें  तो  बिस्तर  ए  गुल मिला  है  मेरे  लिये  हैं  सलीब  लाखों ।


हमारे  दिल  ने  है  बस तेरे को  ही  चाहा  पूजा  है बस  तुझे  ही

मगर  मेरे   को   पता   चला  है   कि   तेरे  तो  हैं  हबीब  लाखों ।


तेरी जफ़ाओं  के  बदले  में  भी मिलीं हैं तुझको  हजार  खुशियाँ 

मैं बावफा था तो फिर भी गम ये हैं आ  गये  क्यों  करीब  लाखों ।


मैं जिसकी खातिर जिया मरा वो तो जी रही है किसी की खातिर 

हमारी  किस्मत  में  ही  लिखे  क्यों  हैं  हादसे  ये  अजीब लाखों ।


जो हमने पूछी वजह ए नफरत तो  हँस के  बोली  वो  बेमुरब्बत

कि राज उल्फ़त की  ख्वाहिशों  में  मरे  हैं  तुमसे  गरीब  लाखों ।


आशा करते है आज की गज़ले Top 3 gazal in hindi जरूर पसंद आई होगी । आप अपने विचार हमारे कमेंट बॉक्स में लिखें ।

राज शुक्ल 'ग़ज़लराज'

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