Sad Gazal in hindi. तेरी ग़ज़ल में, ये किस दर्द का हवाला है।

Sad Gazal in hindi. तेरी ग़ज़ल में, ये किस दर्द का हवाला है।


Sad gazal in hindi.


Hindisarijan में एक बार फिर से स्वागत है । फ़्रेंड्स आज की कड़ी में भटिंडा, पंजाब निवासी ग़ज़लकार कमल कटारिया 'करन' द्वारा रचित शानदार Sad gazal in hindi. लेकर आए है । Hindi - urdu gazal एवं Gazal song के रूप में बेहतरीन शब्द समायोजन के साथ लीजिए प्रस्तुत है - Sad Gazal in hindi. तेरी  ग़ज़ल  में, ये  किस  दर्द का हवाला है - अर्ज किया है -


क़िस्सा अजी है शौक़ का, आदत की बात है।
कितना है  कौन  बेवफ़ा, फ़ितरत की बात है।

मज़बूरियों की  आड़   में,  तोड़े  गए हैं  दिल,
हमसे कहा  गया,  कि ये किस्मत की बात है।

मसले  ये   रोज़गार  के   हैं,   पेशतर  अहम,
ये इश्क़ - विश्क़ छोड़िए! फ़ुरसत की बात है ।

इस  इश्क़ ने तो, अपनी तरफ़ से कमी न की,
ज़िन्दा हूँ अब तलक जो मैं, हैरत की बात है। 

ख़ैराते-इश्क़  माँगते   फ़िरते   हो,  जा-ब-जा,
ग़ैरत  को  बेच आये  हो,  लानत  की बात है।

नेज़ों की नोक  पर भी, जो  सच बोलता है तू,
ये  हौसलों की  दोस्त!  शुजाअ'त की बात है।

कीजै    न   ज़ोर-शोर    से,   तशहीरे-आरज़ू,
लाज़िम हैं,  पर्दा-दारियाँ, उल्फ़त  की बात है।

आतिश-फ़िशाँ  हैं,   आपकी  ज़र्रा-नवाज़ियाँ,
धोके में  है   'करन',  कि  ये  राहत की बात है।
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ग़ज़ल - 2

उल्फ़त  की  कवायद  पे, यूँ  हैरान सा क्यों है।
दिल  तेरी   मुहब्बत  से, पशेमान  सा  क्यों है।

ज़िन्दा हैं  तेरी  याद  के  दम  से  ही मगर अब,
ये  तुझको  भुला  देने का, अरमान सा क्यों है।

कुछ  रोज़  से  माक़ूल,  वफ़ाओं  पे हो क़ाइम,
ऐ जाने-ग़ज़ल  मुझ पे, ये अहसान सा क्यों है।

बिगड़े    हैं,   दिले-ज़ार के,  अहवाल  सरासर,
सुधरेंगे कभी,  'दिल ये पुर-इमकान सा क्यों है।

टूटी  न  ये  तिश्ना-लबी,   तौबा  के  ब'अद भी,
बादा-कशी   सैराब   का'  सामान  सा  क्यों है।

चल कुछ तो मिला इश्क़ में, चोटें ही मिलीं ग़र,
दिल   तेरी   इनायत  से,   परेशान  सा क्यों है।

मौसम   भी   बहारों  के,  गुज़रते  नहीं दिल से, 
दिल   इश्क़  में,   मानिंदे-बियाबान  सा क्यों है।
 
महबूब की महफ़िल में, थे वो साहिबे-महफ़िल,
फिर  चाक, करन उनका,  गिरेबान  सा क्यों है।
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Gazal in hindi.


ग़ज़ल - 3 - Gazal in hindi.

इस  ख़ाना-ए-दिल-गीर  में, मातम है, अज़ीज़ो।
अश्क़ों  से, मेरी  आँख  भी पुरनम है, अज़ीज़ो।

असरारे-दिले-यार,   समझना    हुआ   मुश्किल,
उम्मीदे-वफ़ा,  इसलिए  कम-कम  है, अज़ीज़ो।

निकले हैं वो, जिस रोज़ से,  ख़्वाबों की हदों से,
धड़कन,  बस उसी  रोज़ से मद्धम है, अज़ीज़ो।

क्या  जानिए,  क्यों  बोलते  हैं  इसको  जहन्नुम,
जाँ-बख़्श,  ख़राबात  का  आलम  है, अज़ीज़ो।

बे-कैफ़   तबीयत    का,   मुदावा   है,  मुहब्बत,
बेशक़, ये  हर इक  चोट का मरहम है, अज़ीज़ो।

दिल का था,  सुकूँ  वो  मेरे, राहत था, नज़र की,
फिर  आज  ये  क्यों  रंजिशे-बाहम  है, अज़ीज़ो।

मुद्दत   से,   मसर्रत    की   घड़ी,   ढूँढ   रहा  हूँ,
हर  सिम्त  उदासी  का  ही  मौसम  है, अज़ीज़ो।

कब ख़ाक में मिल जाये, 'करन' किसको ख़बर है,
ये ज़ीस्त तो, इक 'क़तरा-ए-शबनम है, अज़ीज़ो।
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ग़ज़ल -
उदासियों  ने  उबारा  है,  ग़म  ने   पाला है।
कि   गर्दिशों  ने  मुझे,  बारहा   सँभाला  है।

किसे   है  ग़र्ज़,  यहाँ,  तेरे   हाले-बरहम से,
अबस  है  दोस्त, तेरे लब पे जो ये नाला है।

है   इंतज़ार  तुझे  किसका,  ऐ'  दिले-नादाँ,
बुझा  'चराग़,  कोई  अब  न आने वाला है।

मेरे  ये  चोट  जिगर  की,  है  ये  करम तेरा,
मेरा  हर  अश्क़,  तेरे  इश्क़ का  इज़ाला है।

चमन  में  अब न रहा, वो 'बहार का मौसम,
बिछे  हैं  ख़ार  बहुत, पाँव में भी  'छाला है।

सुकूँ की बात तो, किस्सों में रह गई साहिब,
अभी   जो   'दौर   है, वो  दर्द  देने वाला है।

तमाम  उम्र   गई   'हिज्र   में,  मुहब्बत' की,
है  सर्द  आह लबों  पे, सितम का ज़ाला है।

सफ़र  हयात  का, जारी  तू रख अभी नादाँ,
अभी  है,  रात  बहुत  दूर, अभी उजाला है।

कि लफ़्ज़-लफ़्ज़ 'करन', चुभ रहा है सीने में,
तेरी ग़ज़ल में, ये किस दर्द का हवाला है।
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Hindi_urdu_gazal.


Hindi urdu gazal -

अजी! जब से मुहब्बत  बढ़  गई है।
दिलो-जाँ  की, मुसीबत बढ़ गई है।

उड़ी जाती है,  अब  बे-पर  तमन्ना,
तेरे जलवों की,  रहमत बढ़ गई है।

ये  किसने छू  लिया, तेरे बदन को,
तेरे  चेहरे   की,  रंगत  बढ़  गई है।

निगाहे-नाज़  के,  खंज़र  सँभालो,
मेरे  सीने की  वहशत  बढ़  गई है।

तसलसुल क्या  मुलाक़ातों  के टूटे,
अज़ीयत ही अज़ीयत, बढ़  गई है।

दिलों  का  टूटना, जारी है, साहिब,
लो मयखानों की हाजत बढ़ गई है।

है  तब्दीली,  हवाओं  के  चलन  में,
चमनज़ारों  में,  दहशत  बढ़ गई है।

सुकूने-ज़िन्दगी,  ला   दो  कहीं  से,
ग़मों  की कुछ, इनायत  बढ़ गई है।

तमन्ना  चाँद   छू   लेने   की   तौबा,
दिले-नादाँ   की,  जुर्रत  बढ़  गई है।

तुम्हारे इश्क़   का, है  दख़्ल  बेशक़,
मेरी  जीने   की,  हसरत बढ़ गई है।

'करन' क्या तब्सिरा, कीजै वफ़ा पर,
जफ़ाओं  की, जो क़ीमत बढ़ गई है।
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Gazal song in hindi.
दिल ने जब आमद तेरी महसूस की।
चश्मे-नम ने फिर ख़ुशी महसूस की।

गोशे-गोशे में,  खिली  जब  चाँदनी,
चाँद  की  आवारगी   महसूस  की.?

रात फिर ख़्वाबों पे, था क़ब्ज़ा तेरा,
फिर  सुबह तेरी कमी  महसूस की।

आहटें   थीं,  आहटों  के   दरमियाँ,
आपकी,  मौजूदगी   महसूस   की।

दफ़अतन, जो दर्द  कम  होने लगा,
हुस्न   की,  चारागरी  महसूस  की।

लाज़िमन, पायल बजी  होगी  तेरी,
हमने जो ये  मौसिक़ी  महसूस की।

इश्क़ करके क्या मिला हमको बता,
टीस-सी इक, हर घड़ी महसूस की।

फ़ितरतन,  वो  काट  ही  देंगे  ज़ुबाँ,
सच-बयानी  ग़र  मेरी  महसूस की।

किसने   रक्खा  हाथ  शाने  पर मेरे,
बरहमी   में,  ताज़गी  महसूस  की।

टूटकर  बिखरे   जो   तेरे  इश्क़  में,
हाजते - बादा - कशी   महसूस  की।

आप आये हो तो दिल, रौशन हुआ,
ज़िन्दगी-सी,  ज़िन्दगी  महसूस की।

फ़ूटकर रोया है,  फिर शायद 'करन',
फिर  हवाओं  में  नमी  महसूस की।


आशा करते है आज की Gazal ( Sad Gazal in hindi. तेरी  ग़ज़ल  में, ये  किस  दर्द का हवाला है ) आपको अच्छी लगी होगी । आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखे ।। कमल कटारिया 'करन' ।।


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